आरोग्यधाम, चित्रकूट, सतना, मध्य प्रदेश में सीएसआईआर-एरोमा मिशन परियोजना तथा सिडबी परियोजना के अंतर्गत एक दिवसीय कौशल-सह-तकनीकी प्रशिक्षण आयोजित किया गया
दिनांक 18 अक्टूबर 2024 को आरोग्यधाम, चित्रकूट, सतना, मध्य प्रदेश में सीएसआईआर-एरोमा मिशन परियोजना तथा सिडबी परियोजना के अंतर्गत एक दिवसीय कौशल-सह-तकनीकी प्रशिक्षण आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप), लखनऊ एवं पारिस्थितिक पुनर्स्थापन केंद्र, प्रयागराज के सहयोग से सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती के प्रति जागरूक करना तथा कौशल विकास के माध्यम से आय में बढ़ोतरी के अवसर प्रदान करना है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि श्रीमती कृष्णा गौर, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), म◦प्र◦, विशिष्ट ,अतिथि श्रीमती रीति पाठक, सीधी विधानसभा क्षेत्र, श्री अभय महाजन, संगठन सचिव, दीनदयाल अनुसंधान संस्थान (डीआरआई), चित्रकूट, श्री संजय सराफ़, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, म◦प्र◦, डॉ. अनीता तोमर, पारिस्थितिक पुनर्स्थापन केंद्र, प्रयागराज के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। डॉ. अनीता तोमर, केंद्र, प्रयागराज ने स्वागत भाषण में बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती के प्रति जागरूक करना तथा कौशल विकास के माध्यम से आय में बढ़ोतरी के अवसर प्रदान करना है
विशिष्ट अतिथि श्रीमती रीति पाठक जी ने किसानो की आय दोगुनी करने के लिए औषधीय पौधो की खेती को बेहतर विकल्प बताया।
मुख्य अतिथि श्रीमती कृष्णा गौर, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने कार्यक्रम में उपस्थित किसानों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की नई तकनीकियों को अपनाने के लिए प्रेरित किया, जो उनकी कृषि उत्पादकता और आय में बढ़ोतरी का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होने इस कार्यशाला के लिए सीमैप की प्रशंसा की।
श्री अभय महाजन जी ने बताया की भारतीय परंपारिक किचन गार्डेन को सर्वोतम्म बताते हुए, औषधीय पौधों की खेती करने पर ज़ोर दिया, साथ आरोग्य धाम में औषधीय वाटिका की जानकारी दी। नाना जी देशमुख कि परिकल्पनाओ को साकार करने के लिए किसानों को साथ ले कर कार्य करने की प्रेरणा दी।
श्री संजय सराफ़ जी ने बताया कि हम भी अपने देश मे उत्पादित विभिन्न स्वदेशी वनस्पतियों का निर्यात अन्य देशों में अधिक लाभ सृजित कर सकते हैं।
कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में विभिन्न विशेषज्ञों ने अपने अनुभव और शोध परिणाम साझा किए। डॉ. अनीता तोमर (वन अनुसंधान केंद्र, प्रयागराज) ने कृषि वानिकी के साथ औषधीय पौधों की खेती पर अपने विचार साझा किए, जिसमें उन्होंने इस पद्धति से किसानों को होने वाले लाभों और औषधीय पौधों की खेती के महत्व और उसकी आर्थिक संभावनाओं पर प्रकाश डाला। श्री राम प्रवेश यादव, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी (सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ) ने सीमैप संस्थान और एरोमा मिशन की गतिविधियों पर प्रकाश डाला, जबकि श्री दीपक कुमार वर्मा, तकनीकी अधिकारी, सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ द्वारा औषधीय एवं सगंध पौधों की जैसे पामारोजा, तुलसी एवं खस की उन्नतकृषि तकनीकी, आसवन एवं विपणन विषय पर प्रतिभागियों से विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम के दौरान कर्टेन रेजर भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव IISF-2024 के अंतर्गत नीबूघास की उन्नत पौध सामग्री को किसानों के बीच वितरण किया गया। तत्पश्चात श्री नवीन कुमार (सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ) ने नींबूघास की उन्नत कृषि तकनीकों और इसके लाभकारी पहलुओं के बारे में किसानों को जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनोज त्रिपाठी ने किया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम किसानों की आर्थिक समृद्धि और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ। इस कार्यक्रम में प्रयागराज से आए शोर्थी स्वाति प्रिया, सत्यव्रत सिंह एवं अन्य लोग उपस्थित रहे। चित्रकूट और आसपास के क्षेत्रों के किसानों ने इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती की नवीनतम तकनीकों की जानकारी प्राप्त की। यह कार्यक्रम किसानों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, जो उनकी कृषि उत्पादकता और आय में बढ़ोतरी का मार्ग प्रशस्त करेगा। श्री राम प्रवेश यादव, सीएसआईआर-सीमैप की टीम ने सभी किसानों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। अंत मे श्री दीपक कुमार वर्मा, तकनीकी अधिकारी, सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
Team CSIR-IHBT, Palampur participated in awareness cum training progr...