toggle btn

Training cum awareness programme

  • activity details banner

    सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप), लखनऊ द्वारा तथा नेक्स्टजेन फार्म्सकार्ट प्रोड़्ययूसर कम्पनी लिमिटेड, सीतापुर के सहयोग एक दिवसीय कौशल-सह-तकनीकी जागरूकता कार्यक्रम

सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप), लखनऊ  द्वारा तथा नेक्स्टजेन फार्म्सकार्ट प्रोड़्ययूसर कम्पनी लिमिटेड, सीतापुर के सहयोग एक दिवसीय कौशल-सह-तकनीकी जागरूकता कार्यक्रम दिनांक 18.01.2025 को ग्राम-देवरा, पोस्ट- निंदूरा, फतेहपुर बाराबंकी, उत्तर प्रदेश में सीएसआईआर एरोमा मिशन परियोजना के अंतर्गत आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में फतेहपुर, बाराबंकी क्षेत्रों के लगभग 80 किसानों तथा महिला किसानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और मेन्था तथा खस जैसी अन्य औषधीय एवं सुगंधित फसलों की खेती की नवीनतम तकनीकों की जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम में नेक्स्टजेन फार्म्सकार्ट प्रोड़्ययूसर कम्पनी के सदस्य श्री रवी कुमार यादव ने किसानों को बताया कि आप लोग सीमैप से जानकारी ले कर अधिक लाभ ले सकते हो और सीमैप के वैज्ञानिक से मिल कर खेती करने की सलाह दी। तथा इसके बाद सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) के डॉ. संजय कुमार, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक ने मेन्था के सतत कृषि प्रणाली पर ज़ोर दिया। और मेन्था किसानों को औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती के प्रति जागरूक करना तथा कौशल विकास के माध्यम से किसानों की आय में बढ़ोतरी के अवसर प्रदान करना है। उन्होने आगे कहा कि सीएसआईआर एरोमा मिशन के अंतर्गत देश के विभिन्न राज्यों मे औषधीय एवं सगंध (औस) पौधो की खेती मे समूह (क्लस्टर) मे खेती कर लाभ ले रहे है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मेंथा की खेती पर पर विस्तार से चर्चा की और खेती की तैयारी के साथ-साथ ही प्रसंस्करण एवं भंडारण की तकनीकियों पर भी चर्चा की। इसके बाद श्री दीपक कुमार वर्मा, तकनीकी अधिकारी ने अपने भाषण में बताया कि खेती के साथ-साथ आप सभी किसान फसल चक्र अपनाने के साथ ही मिट्टी की जांच कराना आवस्यक होता है और खादों का समुचि उपयोग कर मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखा जा सकता है।

Related Activities